तू हज़ार बार भी  रूठे तो मना लूँगा  तुझे मगर देख मोहब्बत में शामिल कोई  दूसरा ना हो

किस्मत यह मेरा इम्तेहान ले रही है तड़प कर यह मुझे दर्द दे रही है दिल से कभी भी मैंने उसे दूर नहीं किया फिर क्यों बेवफाई का वह इलज़ाम दे रही है

मरे तो लाखों होंगे तुझ पर मैं तो तेरे साथ जीना चाहता हूँ

मुझे पाने की तुम ज़िद ना करो किसी की छोड़ी हुई मोहब्बत हूं मैं

वापस लौट आया है हवाओं का रुख मोड़ने वाला दिल में फिर उतर रहा है दिल तोड़ने वाला

अपनों के बीच बेगाने हो गए हैं प्यार के लम्हे अनजाने हो गए हैं जहाँ पर फूल खिलते थे कभी आज वहां पर वीरान हो गए हैं

जो शख्स तेरे तसव्वुर से हे महक जाये सोचो तुम्हारे दीदार में उसका क्या होगा